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How to improve your immunity

How to improve your immunity

इम्युनिटी को हिंदी में रोग प्रतिरोधक क्षमता या प्रतिरक्षा कहा जाता है। ये किसी भी प्रकार के सूक्ष्मजीवों  (रोग पैदा करने वाले- बैक्टीरिया, वायरस आदि) से शरीर को लड़ने की क्षमता देती है, यही हमारे शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है ।
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में खाद्य पदार्थ अहम भूमिका निभाते हैं। ताजे फल और सब्जियों में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्‍सीडेंट होते हैं और ये विभिन्‍न रोगों से शरीर को बचाते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि आहार, व्यायाम, उम्र, मानसिक तनाव और अन्य कारणों का भी प्रतिरोधक क्षमता पर असर होता है, इसके अलावा सामान्य स्वस्थ जीवनशैली प्रतिरोधक क्षमता को बढाने का एक बहुत अच्छा तरीका है।
आज इस लेख के ज़रिए हम आपको बताने जा रहे हैं विभिन्‍न पोषक समूहों के खाद्य पदार्थों के फायदों के बारे में और उन चीज़ों के बारे में जिन्‍हें खाने से एवं दिनचर्या में शामिल करने से इम्‍युनिटी पॉवर मजबूत होती है।
  1. 1. धूम्रपान न करें। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के लिए घरेलू उपचार)
  2. 2. पोषित सब्ज़ियां, फल, साबूत अनाज और कम 3.संतृप्त वसा वाला आहार खाएं।
  3. 4. रोज़ाना व्यायाम करें।
  4. 5. अपने वजन को संतुलित रखें।
  5. 6. अपने ब्लड प्रेशर को सामान्य रखें।
  6. 7.  अगरआप शराब पीते हैं तो उसका सेवन कम से कम करें।
  7. 8.  पूर्णतरीके से नींद लें।
  8. 9. खाना खाने से पहले अपने हाथों ज़रूर धोएं।
  9. 10. खाना बनाने से पहले सब्ज़ियों को अच्छी तरह से धो लें 1 जिससेकि आपको किसी भी तरह का संक्रमण न हों।
  10. 11. नियमित रूप से अपनी चिकित्सीय जांच ज़रूर करवाएं।
  11. हमारे भोजन में शामिल कुछ पोषक तत्वों से इम्यून सिस्टम को सुधारा जा सकता है। 
    विटामिन A & E- विटामिन A एवं विटामिन E एक प्रकार के शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो इंफ्लमैशन (सूजन) को रोकते है साथ शरीर में रोगों से लड़ने वाले कोशिकाओं को बढ़ाते है।
    विटामिन A के लिए इन भोज्य पदार्थों का सेवन करें-
    • सब्जियाँ जैसे- गाजर, पीले व लाल शिमला मिर्च, कद्दू, शकरकंद 
    • फल जैसे- आम, खुबानी, संतरा, पपीता, खरबूजा, चकोतरा
    • डेयरी उत्पाद जैसे- दूध और दूध से बने पदार्थ जैसे पनीर, दही आदि
    विटामिन E
    • खुबानी, कीवी, बादाम, मूंगफली, हेज़लनट्स, चिलगोज़े (पाइन नट्स), जैतून, सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज
    • वनस्पति तेल जैसे गेहूं के बीज का तेल, सूरजमुखी का तेल, सोयाबीन का तेल, बादाम का तेल 
    • सरसो एवं शलगम का साग, ब्रोकोली, कद्दू
    विटामिन C- विटामिन सी में एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं जो फ्री रेडिकल्स के कारण शरीर को होने वाले क्षति एवं संक्रमण से भी बचाते हैं । विटामिन सी युक्त भोज्य पदार्थ हैं-
    • फल जैसे- नींबू, संतरा, अंगूर, पपीता, स्ट्रॉबेरी, आंवला 
    • सब्जियां जैसे- ब्रोकोली, हरी मिर्च, लाल व पीली शिमला मिर्च, टमाटर
    विटामिन D - कई रिसर्च से पता चला है कि विटामिन डी वायरल संक्रमण एवं श्वांस सम्बन्धी संक्रमण को रोकने में लाभदायक साबित होता हैं ।इसके लिए इनका सेवन करें-
    • मशरूम
    • विटामिन डी फोर्टिफिकेशन वाले भोज्य पदार्थ  
    • सूर्य की रौशनी में बैठें 
    आयरन (लौह तत्व)-  आयरन की कमी से इम्यूनोकोम्प्रोमाइज़ की स्थिति आ जाती है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी हो जाती है। अतः अपने भोजन में आयरन ( लौह तत्व) की मात्रा भरपूर रखें । इसके लिए इन भोज्य पदार्थों का सेवन करें-
    • कम वसा वाला मांस या चिकन, 
    • पालक, ब्रोकोली, सलाद पत्ता 
    • साबुत अनाज, सेम, मटर, अंकुरित फलियां
    • गुड़, खजूर
    • खाना पकाने के लिए लोहे के बर्तन का उपयोग करें
    सेलेनियम- इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स से प्रभाव एवं शरीर को रोगो के संक्रमण से बचाते  हैं। इनके लिए ये भोज्य पदार्थों का सेवन करें-  
    • टूना मछली , झींगा,  चिकन
    • केले
    • चावल, पुरे गेहूं की बनी रोटी या ब्रेड 
    • आलू, मशरूम
    • चिया सीड्स 
    ज़िंक- ये श्वेत रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने  में मदद करता है, जो संक्रमण से बचाव करतें है। इनके लिए खाएं-
    • सीफ़ूड जैसे केकड़ा, सीप और झींगा मछली
    • लाल मांस, चिकेन और अंडा
    • दूध व दूध से बने पदार्थ
    • छोले व अन्य फलियां
    • नट्स एवं बीज जैसे- बादाम, मूंगफली, चिलगोज़े ( पाइन नट), तिल के बीज, कद्दू के बीज
    प्रोबायोटिक-  प्रोबायोटिक्स यानि गट बैक्टीरिया, ये वो बैक्टेरिया हैं जो पाचन तंत्र को उत्तम बनाए रखने और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करते है। प्रोबायोटिक्स के लिए आप इनका सेवन करें-
    • डेयरी आधारित उत्पाद- दूध, पनीर, दही, दूध पाउडर, छाछ, याकुल्ट, काफिर
    • सोया दूध और उसके उत्पाद
    • किमची, प्रोबायोटिक्स से युक्त अनाज और नुट्रिशन बार 
    ओमेगा ३- ये प्रोबायोटिक्स के कार्य को प्रभावी बनाते है, जिससे हमारा पेट स्वस्थ रहे एवं इम्यून सिस्टम मजबूत बन सके। इसके लिए-
    • मछली का तेल
    • चिया सीड्स, अलसी के बीज और अखरोट 
    • अलसी का तेल और सोयाबीन का तेल
    • ओमेगा ३ फोटिफाइड किये अनाज, जूस, दूध और सोया पेय

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corona cases in india Confirmed 145K +6,977 Recovered 60,491 Deaths 4,167 +154 Location Confirmed Recovered Deaths Maharashtra 50,231 +3,041 - 1,635 +58 Tamil Nadu 16,277 +765 - 111 +8 Gujarat 14,056 +392 - 858 +29 Delhi 13,418 +508 - 261 +30 Rajasthan 7,028 +286 - 163 +3 Madhya Pradesh 6,665 +294 - 290 +9 Uttar Pradesh 6,268 +251 - 161 +6 West Bengal 3,667 +208 - 272 +3 Andhra Pradesh 2,823 +66 - 56 +0 Bihar 2,587 +207 - 13 +2 Karnataka 2,089 +130 - 42 +0 Punjab 2,060 +15 - 40 +1 Telangana 1,854 +41 - 53 +4 Jammu and Kashmir 1,621 +52 - 21 +0 Odisha 1,336 +67 - 7 +0 Haryana 1,184 +53 - ...

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Important fact of children's day

विश्‍वभर में हर साल 20 नवम्‍बर को बाल दिवस मनाया जाता है। इस दिन को बचपन का जश्‍न मनाने के लिए चुना गया है1959 से पहले बाल दिवस अक्‍टूबर महीने में मनाया जाता था। संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ की महासभा द्वारा लिये गये निर्णय के हिसाब से यह सबसे पहले 1954 में मनाया गया। वास्‍तव में इस दिन को बच्‍चों के बीच जानकारी के आदान-प्रदान और आपसी समझदारी विकसित करने के साथ-साथ बच्‍चों के कल्‍याण से जुड़ी लाभार्थी योजनाओं के उद्देश्‍य से शुरू किया गया था। बाल दिवस 1959 में जिस दिन संयुक्‍त राष्‍ट्र की महासभा ने बच्‍चों के अधिकारों के घोषणापत्र को मान्‍यता दी थी, उसी दिन के उपलक्ष्‍य में 20 नवम्‍बर को चुना गया। इसी दिन 1989 में बच्‍चों के अधिकारों के समझौते पर हस्‍ताक्षर किए गए जिसे 191 देशों द्वारा पारित किया गया। सर्वप्रथम बाल दिवस जिनेवा के इंटरनेशनल यूनियन फॉर चाइल्‍ड वेलफेयर के सहयोग से विश्‍वभर में अक्‍टूबर 1953 को मनाया गया था। विश्‍वभर में बाल दिवस का विचार दिवंगत श्री वी के कृष्‍ण मेनन का था और जिसे संयुक्‍त राष्‍ट्र की महासभा द्वारा 1954 में अपनाया गया। 20 नवम्‍बर वैश्विक बाल दिवस है।...